मिर्च में लगने वाले रोग | Chili Diseases Control in Hindi

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मिर्च की फसल एक भारतवर्ष की मसालेदार फसल हैं | जो अधिक मात्रा में खाने में,हरी मिर्च सलाद में ,सब्जी में उपयोग में लाई जाती हैं | मिर्च की फसल में अनेक रोग और कीट लगते हैं | कभी मिर्च के फल फूल पीले पड़कर गिरना, पौधों का मुरझाना,पत्तियां का पीले पड़कर गिरना,ब्लाइट का मिर्च में आना आदि मिर्च के आम  रोग है | 

जो मिर्च की फसल को बहुत अधिक हानि पहुंचाते हैं | अगर इन रोगों को समय से नहीं रोका तो यह मिर्च की पैदावार में बहुत कमी लाते हैं | परन्तु आज के लेख में हम मिर्च में लगने वाले रोग के बारे में और उनको कैसे कन्ट्रोल करें के बारे में जानने वाले हैं | 

मिर्च में लगने वाले रोग ,Chili Diseases Control in Hindi ,Mirch Ke Rog, मिर्च के प्रमुख रोग

    मिर्च में लगने वाले रोग निम्न हैं -

    • मिर्च का डैम्पिंग ऑफ रोग (Damping off Disease)
    • मिर्च का ऐथ्रॅक्नोज रोग (Anthracnose Disease)
    • मिर्च का डाईबैंक रोग (Dieback Disease)
    • मिर्च का बैक्टीरिया लीफ स्पाॅट रोग (Bacterial Leaf Spot)
    • मिर्च का विल्ट रोग (Wilt Disease)
    • मिर्च का जड़ गलन रोग (Black Root Rot Disease)
    • फल गलन रोग (Fruit Rot Disease)
    • मिर्च का ब्लाइट रोग (Blight Disease of Chilli)


    1- मिर्च का डैम्पिंग ऑफ रोग ( Damping off Disease of Chilli ) -

    मिर्च की फसल में यह रोग अधिकतर नर्सरी में दिखाई देता हैं | यह रोग एक मृदा जनित कवक पाइथियम एफानिडेर्माटूम एवं राईजोटोनिया सोलानी के कारण होता हैं | इस रोग में मिर्च के बीज से अंकुरित पौधे जमीन की सतह से गलकर गिर जाते हैं और सूखकर मर जाते हैं

    यह रोग मिर्च की नर्सरी में अधिक जमीन में नमी व अधिक मौसम में आद्रता होने के कारण अधिक दिखाई देता हैं | यह रोग टमाटर, मिर्च, बैंगन,बन्द गोभी, फूलगोभी और अन्य सब्जियों की नर्सरियों में पायी जाने वाली आम बीमारी हैं |

    मिर्च में डैम्पिंग ऑफ रोग का नियंत्रण ( Control of Damping off in Chilli )

    मिर्च में Damping off रोग की रोकथाम के लिए कार्बेन्डाजिम 12 % + मैंक्रोजैब 63 % WP  दवा 2gm प्रति लीटर पानी हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं  | या कापर आंक्सीक्लोराइड 50% WP का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं  |


    2-मिर्च का ऐथ्रॅक्नोज रोग ( Anthracnose Disease of Chilli )

    मिर्च की खेती में यह रोग अधिक दिखाई देता हैं | यह रोग मिर्च में काॅलेक्ट्रिचम कैपोसिस नामक फफूंद के कारण होता हैं | इस रोग में मिर्च में इसके लक्षण पके हुए फलों में छोटे-छोटे,पानी भरे,काले किनारों वाले घावों के रूप में धब्बे उभरते दिखाई देते हैं | आगे चलकर ये धब्बे या घाव फल को स्पष्ट रूप से दागी बना देते हैं |

    मिर्च में ऐथ्रॅक्नोज रोग की रोकथाम (Control of Anthracnose Disease in chilli )


    मिर्च की खेती में ऐथ्रॅक्नोज रोग की रोकथाम के लिए एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 23% SC दवा को 200ml प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं | यह दवा आपको मार्केट में गोडिवा(धानुका),एमस्टार (सिंजेंटा) आदि ब्रांड नाम से मिल जायेंगी |आनलाईन खरीदें 

    3-मिर्च का डाइबैंक रोग (Dieback Disease of Chilli)

    मिर्च की फसल में इस रोग से पौधों की ऊपरी शाखाएं सिरे से व मध्य से गलकर सूखने लगती हैं | मिर्च के पौधे की पत्तियां पीली पड़ कर गिरने लगती हैं | मिर्च के पौधे की बढ़वार रूक जाती हैं |मिर्च के पौधों पर लगे फल भी पकने से पहले ही गिर जाते हैं |और फूल भी झड़ने लगता हैं |


    मिर्च डाईबैंक रोग नियंत्रण (Chilli Dieback Disease Control )

    मिर्च की खेती में डाईबैंक रोग की रोकथाम के लिए कापर आंक्सीक्लोराइड 50%WP  2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं | या एजोक्सिस्ट्रोबिन 23%SC 25-30ml प्रति पम्प स्प्रे कर सकते हैं | आनलाईन खरीदें....

    अधिक जानकारी हेतु यह वीडियो देखें

     


    4-मिर्च का बैक्टीरियल लीफ स्पाॅट रोग (Bacterial Leaf Spot)


    बैक्टीरियल लीफ स्पाॅट रोग के लक्षण पहले मिर्च के पौधों की पुरानी पत्तियों पर गोलाकार व अण्ड़ाकार अनियमित आकार के काले व भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं | और यह धीरे-धीरे मिर्च के पौधों की नई पत्तियों पर बढ़ते जाते हैं | पौधों की पत्तियों पीली पड़ कर गिरने लगती है | फल फूल भी इस रोग के कारण गिरने लगते हैं |

    बैक्टीरियल लीफ स्पाॅट रोग का उपचार (Treatment of Bacterial Leaf Spot Diseasei)


    बैक्टीरियल लीफ स्पाॅट रोग की रोकथाम के लिए एजोक्सिस्ट्रोबिन 23% SC नामक फफूंदीनाशक 200ml प्रति एकड़ या 25-30ml प्रति टंकी का स्प्रे करें |  

    5-मिर्च में विल्ट रोग (Wilt Disease)

    मिर्च में फंगस जनित यह रोग है | इस रोग के लक्षण प्रारंभ में मिर्च के पौधे ऊपर से मुरझाये हुए दिखाई देते हैं | और कुछ दिनों बाद पौधे सूख कर मर जाते हैं | जब हम मिर्च के पौधे को उखाड़ कर उसकी जड़ देखते हैं तो उन पौधों की जड़ काली व कत्थाई रंग की सड़ी हुई दिखाई देती हैं  |

    मिर्च में विल्ट रोग की रोकथाम (Control of Wilt Disease in Chilli)

    मिर्च में wilt disease की रोकथाम प्रारंभ में ही कर सकते हैं | यदि रोग का प्रकोप अधिक होने पर रोकथाम करना नामुमकिन होता हैं | प्रारंभ में रोग के लक्षण दिखाई देने पर पौधों की जड़ जड़ पर टंचिग के रूप में मेटालैक्सिल 35%WP दवा 15-20 ग्राम प्रति टंकी के हिसाब से प्रयोग करें |

    6-मिर्च में जड़ गलन रोग (Root Rot Disease of Chilli)

    मिर्च में फंगस जनित यह रोग हैं | इस रोग में मिर्च के पौधों की जड़ सड़ने लगती हैं | और जड़ की गलन में एक विशेष प्रकार की दुर्गंध भी आने लगती हैं | मिर्च के पौधे ऊपर से मुरझाने लगते हैं | और कुछ दिन के बाद पौधे सूखकर मर जाते हैं |


    मिर्च में जड़ गलन रोग का नियंत्रण (Control of Root Rot Disease in Chilli)

    जड़ गलन रोग की रोकथाम के लिए Metalaxyl 8% + Mancozeb 64% WP दवा 2 ग्राम प्रति लीटर पानी या 30gm प्रति टंकी के हिसाब से मिर्च के पौधों की जड़ पर टंचिग के रूप में स्प्रे करना है | या कापर आंक्सीक्लोराइड 50% WP  2-3gm प्रति लीटर पानी के हिसाब से पौधों की जड़ पर टंचिग के रूप में स्प्रे करना हैं |

    7-फल गलन रोग (Fruit Rot Disease)

    मिर्च में फल गलन रोग में फलों पर काले व भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं | जिसके कारण मिर्च के फलों की क्वालिटी खराब हो जाती है | इसकी रोकथाम के लिए कापर आंक्सीक्लोराइड 50 %WP का 2-3gm प्रति लीटर पानी के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं |

    8-मिर्च का ब्लाइट रोग ( Blight Disease of Chilli )

    मिर्च का यह रोग भी एक फफूंदी जनित रोग है | जोकि अल्टरनेरिया सोलेनाई कवक के कारण मिर्च फसल में देखा जाता हैं | इस रोग के लक्षण पहले पौधों की निचली पत्तियां पर काले व भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं | पत्तियां का रंग पीला दिखाई देता हैं | अगर इस रोग की रोकथाम नहीं की तो यह रोग बाद में धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ता जाता हैं |

    मिर्च ब्लाइट रोग उपचार (Chili Blight Disease Treatment)

    मिर्च में ब्लाइट रोग की रोकथाम Metalaxyl 8% + Mancozeb 64% WP दवा 2 ग्राम प्रति लीटर पानी या 30 gm प्रति टंकी के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं | या  इस रोग की रोकथाम के लिए एजोक्सिस्ट्रोबिन 23% SC नामक फफूंदीनाशक 200ml प्रति एकड़ या 25-30ml प्रति टंकी का स्प्रे करें |  

    अधिक जानकारी हेतु यह वीडियो देखें

     



    FAQ 


    Q.1.- मिर्ची में कौन कौन से रोग होते हैं ?

    Ans. मिर्च की खेती में मुख्यता निम्न रोग होते हैं -
    1. मिर्च का डैम्पिंग ऑफ रोग (Damping off Disease)
    2. मिर्च का ऐथ्रॅक्नोज रोग (Anthracnose Disease)
    3. मिर्च का डाईबैंक रोग (Dieback Disease)
    4. मिर्च का बैक्टीरिया लीफ स्पाॅट रोग (Bacterial Leaf Spot)
    5. मिर्च का विल्ट रोग (Wilt Disease)
    6. मिर्च का जड़ गलन रोग (Black Root Rot Disease)
    7. फल गलन रोग (Fruit Rot Disease)
    8. मिर्च का ब्लाइट रोग (Blight Disease of Chilli) 
    9. तना गलन रोग (Stem Rot Disease)
    10. मोजेक वायरस रोग आदि रोग 

    Q.2.- मिर्च में यूरिया कब डालें ?

    Ans. मिर्च की फसल में अगर पीलापन दिखाई देता हैं | तो नाइट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए यूरिया का प्रयोग करना चाहिए |

    Q.3.- मिर्च में फूल क्यों झड़ते हैं ?

    Ans. मिर्च में फल फूल झड़ने के निम्न कारण होते हैं जैसे -
    1. माइक्रोन्यूट्रींस की कमी के कारण
    2. फफूंदी का पौधों पर अटैक होने के कारण
    3. कीटों का आक्रमण पौधों पर होने के कारण
    4. मौसम का तापमान कम या अधिक होने के कारण



    निष्कर्ष (Conclusion )

    तो किसान भाइयों मिर्च में लगने वाले रोगों को अगर हम प्रारंभ में ही कन्ट्रोल कर लेते हैं | तो हमारा खर्च भी कम होता हैं तथा फसल में भी नुकसान कम होता है | तो हमें विशेष ध्यान रखना चाहिए कि प्रारंभ में ही रोगों की रोकथाम करें | तो किसान भाइयों अगर यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो और किसानों में शेयर करें और भी अधिक जानकारी चाहिए तो कमेंट अवश्य करें |



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