किसान भाइयों यूरिया फसलों को किस तरह से देना चाहिए सिंचाई से पहले देना चाहिए या सिंचाई के बाद देना चाहिए | कौन सी मिट्टी में यूरिया सिंचाई से पहले देना चाहिए और कौन सी मिट्टी में यूरिया सिंचाई के बाद देना चाहिए | कब किस तरह से यूरिया का उपयोग करें कि हमारी फसल के लिए यूरिया की अच्छी मात्रा मिल सके |
तो किसान भाइयों आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं | कि यूरिया का फसलों में देने का सही तरीका क्या है | यूरिया को किस तरह से देना चाहिए जिससे फसलों को अच्छा लाभ मिल सके |
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सिंचाई से पहले यूरिया कौन सी मिट्टी से देना चाहिए ?
किसान भाइयों चिकनी दोमट मिट्टी या चिकनी मिट्टी में सिंचाई के समय पानी अधिक गहराई तक नहीं जाता हैं | इस लिए चिकनी दोमट मिट्टी व चिकनी मिट्टी में यूरिया का उपयोग सिंचाई से पहले करना चाहिए | तो यूरिया का अच्छा रिजल्ट चिकनी दोमट मिट्टी व चिकनी मिट्टी में मिलता हैं |
सिंचाई के बाद यूरिया कौन सी मिट्टी में देना चाहिए ?
किसान भाइयों रेतीली दोमट मिट्टी व रेतीली मिट्टी में यूरिया सिंचाई के बाद प्रयोग करना चाहिए क्योंकि रेतीली मिट्टी में पानी अवशोषित होकर अधिक गहराई तक पानी जाता हैं | क्योंकि प्रारंभ में पौधों की जड़े अधिक गहराई तक नहीं जाती हैं | इस लिए यूरिया रेतीली मिट्टी में सिंचाई के बाद में लगायें तो अच्छा काम करती हैं |
यूरिया का स्प्रे कैसे करें ?
किसान भाइयों यूरिया को फसलों पर स्प्रे के रूप में भी उपयोग में ला सकते हैं | स्प्रे में यूरिया की बहुत कम मात्रा लगती हैं | और स्प्रे में यूरिया का रिजल्ट कम लागत में व कम समय में बहुत जल्दी फसलों पर दिखाई देता हैं | अनाज वाली फसलों पर स्प्रे में यूरिया 4-5 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं |
यूरिया का असर कितने दिन तक रहता हैं ?
जैसा कि हम जानते हैं कि यूरिया पानी व नमी के सम्पर्क में आता हैं तो वह तीन भागों में विभाजित होता हैं 1.अमोनिया 2.अमोनियम नाइट्रेट 3. नाइट्रेट |
तो अमोनिया पहला भाग होता है | वह गैस बनकर वातावरण में उड़ जाता हैं | और दूसरा भाग अमोनियम नाइट्रेट होता हैं वह कुछ दिन के बाद फिर विभाजित होता हैं | यह भाग तुरंत पौधों को नहीं मिलता हैं | तीसरा भाग नाइट्रेट के रूप में होता हैं | यह भाग तुरंत पौधों को मिलने लगता है | जैसा कि हम जानते हैं कि पौधे यूरिया नाइट्रेट फोरम में ग्रहण करते हैं |
तो नाइट्रेट फोरम वाला जो तीसरा भाग होता हैं वह पौधों को 5-6 घण्टों के बाद मिलने लगता है | जो यूरिया बिखेर कर लगाते हैं उसका असर ज्यादा दिनों तक रहता लगभग 15-20 दिन तक एवं जो यूरिया का स्प्रे करते हैं उसका असर लगभग 8-10 दिन रहता है |
एक बीघा में कितना यूरिया डालना चाहिए ?
यूरिया की मात्रा फसलों पर निर्भर होती हैं | अगर दलहनी फसलें हैं तो यूरिया की कम मात्रा में आवश्यकता होती हैं | अगर अनाज वाली फसलें हैं तो यूरिया की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती हैं | एक बीघा में यूरिया अनाज वाली फसलों के लिए 8-10 किलोग्राम प्रति बीघा डालना चाहिए |
FAQ
Q.1. गेहूं में यूरिया कितनी बार डालना चाहिए ?
Ans. गेहूं में यूरिया दो से तीन बार डालनी चाहिए पहली बार 25-30 दिन पर कल्लों के फुटाव के समय पर और दूसरी बार 40-45 दिन पर बढ़वार के समय पर व तीसरी बार यूरिया गेहूं की गमोद अवस्था पर पोटाश के साथ कम मात्रा में मिलाकर डाल सकते हैं |
Q.3. यूरिया खाद के फायदे और नुकसान ?
Ans.यूरिया खाद के फसलों को निम्नलिखित फायदे व नुकसान होते हैं |
फायदे -
1.पौधों की ग्रोथ बढ़ाने में मदद करता हैं |
2. पौधों में फुटाव को बढ़ाने में सहायक होता हैं |
3. पौधों को नत्रजन उपलब्ध कराता हैं |
नुकसान -
1.अधिक मात्रा में यूरिया का उपयोग करने फसल कमजोर हो जाती हैं और अधिक हवा चलने पर गिर भी जाती हैं |
2.अधिक मात्रा में यूरिया का उपयोग करने से उत्पादन बढ़ाने की बजाय घट जाता हैं |
Q.4. पौधे में यूरिया डालने से क्या होता है ?
Ans. पौधे में यूरिया डालने से उसकी बढ़वार अच्छी होती हैं तथा पौधों में कल्लों का फुटाव भी अधिक होता हैं | पौधों पर पीलापन भी देखने को नहीं मिलता हैं |
Q.5. नैनो यूरिया का असर कितने दिन तक रहता है ?
Ans. नैनो यूरिया का असर अच्छे तरीके से 10-12 दिन रहता है |
निष्कर्ष (Conclusion)
तो किसान भाइयों इस आर्टिकल में आपने जाना की यूरिया का फसलों में देने का सही तरीका के बारे में अगर यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो अन्य किसानों को शेयर करें और कमेंट अवश्य करें |
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