आईए जानते हैं आलू का बीज उपचार कैसे करें

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 किसान भाइयों आलू एक सब्जी वग्रीय फसल हैं | आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता हैं | आलू से हमें स्टार्च, प्रोटीन, खनिज लवण और विटामिन आदि तत्व मिलते हैं | आलू से हमें सबसे अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट तत्व मिलता हैं | 

तो आज के आर्टिकल में हम आलू का बीज उपचार कैसे करें और आलू का बीज उपचार कौन सी दवा से करें और आलू के बीजशोधन की विधियों के बारे में जानकारी जानने वाले हैं |

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आलू का बीज उपचार (Potato Seed Treatment)


    आलू की बुवाई से पहले आलू के बीज को किसी रसायनिक फफूंदीनाशक से उपचारित किया जाता हैं | जिससे बीज जनित रोगों का आलू की फसल पर प्नकोप नहीं हो और आलू में ब्लैक स्कार्व (काली पपड़ी) नामक रोग नहीं आ सकें | यह रोग आलू में राईजोक्टोनिया सोलेनाई नामक कवक के कारण आता है | इस कवक को रोकने के लिए कवकनाशी दवा से आलू के बीज को उपचारित करने की क्रिया को आलू का बीज उपचार कहते हैं |


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    आलू के बीज उपचार के फायदे (Benefits of Potato Seed Treatment)

    किसान भाइयों आलू बीज उपचार के अनेक फायदे देखने को मिलते हैं -

    1. आलू का बीज उपचार करने से बीज जनित रोग नहीं लगते हैं |

    2. आलू के बीज का अंकुरण अच्छा होता हैं |

    3.आलू का बीज उपचार करने से आलू की गुणवत्ता में सुधार होता हैं |

    4. आलू का बीज उपचार करने से काली पपड़ी नामक रोग आलू में नहीं लगता हैं |

    5.आलू का बीज उपचार करने से मृदा जनित कई रोग नहीं लगते हैं |


    आलू का बीज उपचार की दवा (Potato Seed Treatment Medicines)

    आलू का बीज शोधन की मार्केट बहुत सारी दवाएं मिल जायेगी |

    1-एमेस्टो प्राइम - बायर - 150-200ml (30-35 बोरी आलू बीज)

    2- स्प्रिंट - इन्डोफिल - 500 gm(30-35 बोरी आलू बीज)

    3-गोडिवा -धानुका - 80-100ml(30-35 बोरी आलू बीज)

    4. आमिस्टार -सिजेंटा -80-100 ml (30-35 बोरी आलू बीज)

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    आलू का बीज उपचार करने की विधियां (Potato Seed Treatment Methods)


    आलू का बीज उपचार करने की दो विधियां हैं -

    A.ड्रम विधि- इस विधि में आलू के बीज को किसी बड़े बर्तन या ड्रम में बने हुए रसायनिक फफूंदीनाशक घोल में 5-6 मिनट के लिए डुबोकर रखा जाता हैं | उसके बाद आलू के बीज को निकालकर छाया में सुखाने के लिए छोड़ देते हैं | यह क्रिया बीज के अनुसार करते रहते हैं |

    B.टंकी से स्प्रे विधि- इस विधि में आलू के बीज को एक छायादार स्थान पर फैलकर आलू के बीज के ऊपर रासायनिक फफूंदीनाशक दवा का स्प्रे कर देते हैं | और फिर पलटी लगाकर फिर रासायनिक फफूंदीनाशक दवा का स्प्रे कर देते हैं | इस तरह से इस विधि में आलू का बीज उपचार करते हैं |


    अधिक जानकारी हेतु यह वीडियो देखें 👇


    FAQ 

    Q.1.सबसे अधिक पैदावार देने वाला आलू कौनसा है ?

    Ans.आलू की चिप्सोना किस्म सबसे अच्छी पैदावार देती हैं | इस किस्म को उत्तर प्रदेश बिहार पश्चिम बंगाल आदि में बड़े पैमाने पर किया जाता हैं | यह किस्म एक हेक्टेयर से 300-350 कुन्तल आलू की पैदावार देने में सक्षम है |

    Q.2. एक हेक्टेयर में आलू का बीज कितना लगता हैं ?

    Ans. आलू बुवाई का उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर होता हैं | तो आलू की बुवाई के समय बीज दर की बात करें तो 25-30 ग्राम बजन वाले टुकड़ों के लिए एक हेक्टेयर खेत के लिए 27-28 कुन्तल बीज की आवश्यकता होती हैं |

    Q.3. आलू का बीज उपचारित करने के लिए किस रसायन का प्रयोग किया जाता हैं ?

    Ans. आलू के बीज का बीज उपचारित करने के लिए एज़ोक्सिस्ट्रोबिन  23% Sc नामक अन्त:प्रवाही फफूंदीनाशक रसायन का प्रयोग अधिक किया जाता हैं | इस रसायन से एक एकड़ आलू बीज को 100-150 ml रसायन की आवश्यकता होती हैं |


    निष्कर्ष (Conclusion)

    तो किसान भाइयों इस आर्टिकल में आपने जाना कि आलू का बीज उपचार कैसे करें और आलू के बीज उपचार के क्या क्या फायदे हैं | तो यह आर्टिकल अगर अच्छा लगा हो तो और किसानों को शेयर और कमेंट करें |


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