गेहूं की फसल में सिंचाई कब कब करें | Wheat irrigation stages in Hindi
गेहूं की फसल मे सिंचाई प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण तथ्य -
गेहूं की अधिक पैदावार, सही समय पर एवं उचित मात्रा में की जाने वाली सिंचाई पर निर्भर करती है। सिंचाई की एक निश्चित मात्रा खेत की मिट्टी पर भी निर्भर करती है।
तो आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं | कि गेहूं की फसल में सिंचाई कब कब करें और गेहूं की किस स्टेज (CRI stage in wheat in hindi ) पर करें| पूरी जानकारी देने वाले हैं |
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सिंचाई की उचित व्यवस्था न होने पर -
जल की कमी वाले क्षेत्रों में केवल 2 या 3 सिंचाई करने से भी उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त हो सकती है।
ऐसी स्थिति में निम्न प्रकार सिंचाई की जा सकती है-
1. पहली सिंचाई - बुवाई के 20-25 दिनों पर,
2. दूसरी सिंचाई - बालियां निकलते समय
3. तीसरी सिंचाई - बालियों में दाने बनते समय करनी चाहिए।
हल्की मिट्टी में उगाई जाने वाली गेहूँ की फसल को 5 से 6 सिंचाई की आवश्यकता होती है।
1. पहली सिंचाई - बुवाई के 21-25 दिनों पर,
2. दूसरी सिंचाई - बुवाई के 40-45 दिनों पर
3. तीसरी सिंचाई - बुवाई के 60 से 65 दिनों पर
4. चौथी सिंचाई – बुवाई के 80-85 दिनों पर
5. पाँचवी सिंचाई – बुवाई के 100-105 दिनों पर
6. आखिरी सिंचाई – दाने भरते समय यानि 115-120 दिनों पर।
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दोमट मिट्टी : दोमट मिट्टी में 4 सिंचाई करने से भी बेहतर फसल प्राप्त की जा सकती है।
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1. पहली सिंचाई - बुवाई के 20-25 दिनों पर
2. दूसरी सिंचाई - बुवाई के 40-45 दिनों पर
3. तीसरी सिंचाई - बुवाई के 70 से 80 दिनों पर
चौथी सिंचाई दानों में दूध भरते समय,बुवाई के 95 से 110 दिनों पर करने से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
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