Top 10 Mango Varieties in India in Hindi :भारत में लोकप्रिय आम की 10 किस्में
भारत का राष्ट्रीय फल आम है | आम का सबसे अधिक क्षेत्रफल प्रदेश राज्य में उगाया जाता है। और सर्वाधिक उत्पादन आंध्र प्रदेश में होता है | आम को फलों का राजा कहा जाता है। आम में विटामिन ए और बी प्रचुर मात्रा में होता है । आम एक देखने में आकर्षक रंग ,स्वाद और सुगंध वाला फल होता है।
आम के फल का उपयोग हर अवस्था में किया जाता है। कच्चा आम चटनी में ,आचार में और अनेक प्रकार के पेय के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा आम का उपयोग स्कवैश,जैली ,जैम और नैक्टर बनाने किया जाता है । आम की लगभग भारत में 10 से अधिक किस्में अलग अलग हिस्सों में की जाती है।
तो किसान भाईओं आज के आर्टिकल हम बात करने वाले है के Top 10 Mango Varieties in India in Hindi बारे में पूरी जानकारी देने वाले है।
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Top 10 Mango Varieties in India in Hindi ( भारत में लोकप्रिय आम की 10 किस्में )
भारत में आम की लोकप्रिय 10 किस्में निम्नलिखित है जैसे -
1. Mango Top Variety - Bombay Green ( बम्बई हरा )
यह एक आम की अगेती किस्म है । इस आम की किस्म को मालदा तथा सिरौली भी कहते है। इस किस्म का फल मध्यम आकार का अण्डाकार तथा पकने पर हरापन लिए होता है। इस आम की किस्म की भंडारण क्षमता कम होती है |
2. Mango Top Variety - रटौल (Rataul)
यह भी आम की एकअगेती किस्म है | इस किस्म के फल छोटे आकार के अंडाकार होते है उनका रंग हरा-पीला होता है। इस आम की किस्म के फल सुगंधयुक्त और खाने में मीठे होते है।
3. Mango Top Variety - दशहरी (Dussehri)
यह मध्य मौसम का सबसे लोकप्रिय आम की किस्म है। इसका फल मध्यम आकर का होता है। फलों का रंग हरा पीला होता है। फल खाने में मीठा और सुगंधयुक्त होता है। इस किस्म की भंडारण क्षमता लगभग 10 दिन होती है।
4. Mango Top Variety - लंगड़ा ( Lame )
आम की यह एक माध्यम मौसम की किस्म है | इसके रूहअफजा ,दरभंगा तथा हरदिल अजीज भी कहते हैं | इस आम की किस्म का फल बड़ा होता है |फल पकने पर हरापन लिए होता है | इस किस्म के फल गूदादार और सुगंधयुक्त होते हैं |खाने में मीठे होते है । इसकी भंडारण क्षमता लगभग 4 दिन होती है |
5. Mango Top Variety - चौसा ( Lame )
यह पीछेती किस्म होती हैं |इसे काजरी व खाजरी भी कहते हैं | पका फल बड़े आकार का हरा पीले रंग लिए होता है तथा गूदा मीठा व सुगंध युक्त होता है | इसकी भंडारण क्षमता लगभग 5 दिन होती है |
6. Mango Top Variety - फजरी ( Fajri )
यह भी आम की पीछेती किस्म है | इस आम की किस्म को फजली भी कहते हैं | इसका फल का आकार मध्य तथा रंग पीला होता है | गूदा सुगंध युक्त होता है | इसकी भंडारण क्षमता कम होती है |
7. Mango Top Variety- रामकेला
यह देर पकने वाली किस्म है | इसका फल पकने पर भी खट्टा होता है | यह आम की किस्म आचार के लिए सर्वोत्तम किस्म है |
उत्तर भारत में इन प्रमुख किस्म के अतिरिक्त भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली द्वारा आम की नवीन दो किस्में विकसित की गई हैं |
1.मल्लिका
यह आम की किस्म नीलम तथा दशहरी किस्म के संयोग से विकसित की गई है | यह आम की किस्म नियमित रूप से फलने वाली मध्य मौसम की किस्म है | इसका फल लंबा, बड़ा ,कैडिमियम के रंग की भांति पीला व स्वादिष्ट होता है | इसकी भंडारण क्षमता अधिक होती है | किंतु इस आम की किस्म में फलत कम है | इसके किस्म के फल निर्यात के लिए अच्छे प्रमाणित हो रहे हैं |
2.आम्रपाली
यह दशहरी एवं नीलम किस्मों के संयोग से विकसित की गई है | यह मध्य मौसम की बौनी व नियमित फलत वाली किस्म है | इसके एक हेक्टेयर में 2.5×2.5 मीटर पर 1600 पौधे लगाए जा सकते हैं |
3.सौरभ
यह दशहरी एवं फजरी जाफरानी के संयोग से विकसित की गई है|यह आम की किस्म मध्य मौसम की किस्म है | इस किस्म के फल मध्यम लम्बे व पकने पर हरापन लिये हुए सुनहरा पीला होता हैं | गूदा ठोस,रेशा रहित सुनहरा,पीला, मीठा व सुगंध युक्त होता हैं |
4.गौरव
यह दशहरी एवं तोतापुरी ,हैदराबाद किस्मों का संकर है | यह भी मध्य
मौसम की किस्म है| फल अत्यंत सुंदर,मध्यम आकार का लंबा व पकने
पर लाल आभा लिए हुए सुनहरा-पीला, मीठा व सुगंध युक्त होता है|
इसकी फलत कम है | किन्तु भन्डारण क्षमता अधिक होने के कारण
इसके फल सुंदर और स्वादिष्ट होते हैं |यह वैरायटी निर्यात के लिए
अच्छी रहती है |
आम की इन प्रमुख किस्में का रोपण
मई - जून के महीने में किस्म के अनुसार 11 से 13 मीटर की दूरी पर एक घनमीटर आकर के गड्ढे खोदने चाहिए | इन गड्ढों को तेज धूप में लगभग 15 दिनों तक खुला छोड़ देना चाहिए | जिससे उसकी मिट्टी में उपस्थित बैक्टीरिया व कीड़े आदि तेज गर्मी से समाप्त हो जाए |तत्पश्चात खाद एवं मिट्टी की समान मात्रा के मिश्रण से भरकर सिंचाई कर देना चाहिए | जिससे गड्ढों की मिट्टी बैठ जाए | पौधे लगाने का सर्वोत्तम समय जुलाई है|
आम के पेड़ की अवस्था के अनुसार खाद की मात्रा
पेड़ की आयु (वर्षो में) | कम्पोस्ट खाद (किलोग्राम) | नाइट्रोजन (ग्राम) | फास्फोरस (ग्राम) | पोटाश (ग्राम ) | कापर सल्फेट (ग्राम) | जिंक (ग्राम) | बोरेक्स (ग्राम) |
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1 | 10 | 100 | 50 | 100 | 25 | 25 | - |
2 | 20 | 200 | 100 | 200 | 50 | 50 | - |
3 | 30 | 300 | 150 | 300 | 75 | 75 | - |
4 | 40 | 400 | 200 | 400 | 100 | 100 | - |
5 | 50 | 500 | 250 | 500 | 125 | 125 | 125 |
6 | 60 | 600 | 300 | 600 | 150 | 150 | 150 |
7 | 70 | 700 | 350 | 700 | 175 | 175 | 175 |
8 | 80 | 800 | 400 | 800 | 200 | 200 | 200 |
9 | 90 | 900 | 450 | 900 | 225 | 225 | 225 |
10 | 100 | 1000 | 500 | 1000 | 250 | 250 | 250 |
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