गन्ने की बुवाई में कौन-कौनसी खाद डालें | Methods of planting sugarcane in Hindi

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किसान भाइयों आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं कि गन्ना बुवाई के समय हमें कौन कौन सी संतुलित मात्रा में खादों का प्रयोग करना चाहिए | जिससे हमारे गन्ने की फसल में जमाव भी अच्छा हो और गन्ने की फसल प्रारंभ से ही अच्छे से बढ़वार करके चले |

किसी भी प्रकार के कीटों व रोगों का प्रकोप कम दिखाई दें | उस गन्ने की फसल से अच्छा उत्पादन ले सकें | तो आज हम लेख के मध्यम से जान लेते हैं | कि गन्ने की बुवाई में कौन कौन सी खाद डालें और कौन कौन से Methods of Planting Sugarcane in Hindi से बुवाई करें |


    गन्ने की बुवाई में कौन-कौनसी खाद डालें | Methods of planting sugarcane in Hindi

     गन्ने की बुवाई में कौन कौन सी खाद डालें (Which  fertilizers to apply in sugarcane sowing in Hindi)


    गन्ने की अच्छी बढ़वार के लिए उसे सभी आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है | गन्ने की फसल द्वारा ग्रहण किए जाने वाले पौषक तत्वों की मात्रा, गन्ने की जाति, भूमि की किस्म व जलवायु आदि पर निर्भर करती हैं | 


    उत्तर प्रदेश में गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए निम्नलिखित गन्ना बुवाई के समय उर्वरकों की आवश्यकता होती हैं -

    बुवाई के समय पौषक तत्व मात्रा प्रति हेक्टेयर
    नाइट्रोजन 180
    फास्फोरस 80
    पोटाश 60
    सल्फर 15
    जिंक सल्फेट 20


    गन्ने में नत्रजन की अधिक मात्रा देने पर गन्ने की फसल खेत में गिर सकती है और पैदावार भी अच्छी प्राप्त नहीं होती है | गन्ने की फसल अधिक समय तक खेत में रहती है और नाइट्रोजन की कुछ मात्रा हरी खाद या गोबर से पूरी करनी चाहिए  | कार्बनिक खादें धीरे-धीरे पोषक तत्व फसल को प्रदान करती रहती हैं | 


    हरी खाद से औसतन 50 से 7 किलो ग्राम नत्रजन या 100 कुंटल गोबर की खाद से 50 से 60 किलोग्राम नत्रजन प्रति हेक्टेयर में डालनी चाहिए | 


    गन्ने में नत्रजन की शेष मात्रा अमोनियम सल्फेट या यूरिया या कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट से दी जा सकती है | फास्फोरस व पोटाश, सुपर फास्फेट सिंगल व म्युरेट ऑफ पोटाश से खेत में दी जा सकते हैं | गन्ने की बुवाई के समय कीटनाशक के रूप में फिप्रोनिल 0.3 Gr -7.5-10kg प्रति एकड़ अवश्य प्रयोग करें |


     अधिक जानकारी हेतु वीडियो देखें 


     




     Methods of planting sugarcane in Hindi ( गन्ना  बोने की विधियां ) 


    गन्ना बोने की विभिन्न विधियां हैं-

    (अ)गन्ना बोने की समतल बुवाई विधि ( Flat Sowing  Method of Sugarcane Planting )

    समतल खेतों में बुवाई गन्ने की हल के पीछे पंक्तियों में करते हैं इच्छित दूरी पर देशी हल या डबल मोल्ड बोर्ड हल्के हल के द्वारा कूंड (Furrow ) तैयार कर लिए जाते हैं | आजकल गन्ना प्लांटर व ट्रैक्टर से खींचे जाने वाले डबल मोल्ड बोर्ड टाइप हल से गन्ने की बुवाई के लिए उन्नतशील कृषकों द्वारा प्रयोग किए जाने लगे हैं | 

    इन हलों की सहायता से एक बार में ही गन्ने बुवाई के तीन कूंड़ तैयार हो जाते हैं | कूंड़ों में गन्ने के टुकड़ों की बुवाई करके पाटा चलाकर ढक देते हैं कूंड़ों की गहराई 15 से 20 सेंटीमीटर रखती हैं |

    (ब)गन्ना बोने की नाली विधि (Furrow Method of  Planting Sugarcane ) 

    इस विधि में गन्ने की बुवाई नालियों में की जाती है नालियां 75 से 90 सेंटीमीटर दूरी पर बनाते हैं और इन नालियों की चौड़ाई 40 सेंटीमीटर गहराई 25 सेंटीमीटर रखते हैं खेत की तैयारी के समय जैविक खाद भी खेत में मिला देते हैं खाद मिलाने के बाद खेत में डौली व नाली तैयार करते हैं और इनमें गन्ना बोने से पहले नालियों में अलग से जैविक खाद मिला देते हैं |

    (स) गन्ना बोने की समतल बुवाई करके मिट्टी चढ़ाना विधि  (Flat Seeding Method of Planting Sugarcane) 

    गन्ना बोने की इस विधि में गन्ने की बुवाई समतल खेत में करके वर्षा ऋतु में पौधों पर मिट्टी चढ़ाते हैं |

    (द) गन्ना बोने की गढ्डों में बुवाई विधि (Sowing Method  in Sugarcane Planting Pits) 

    दक्षिण भारत की काली मिट्टी में गन्ना बोने की यह विधि अपनाई जाती है | काली मृदा भारी होने के कारण इसमें जल निकास की अच्छी सुविधा नहीं होती है और मृदा में बायु संचार भी उचित नहीं होता है | अतः वायु संचार बढ़ाने के लिए खेत में उपयुक्त अंतरण पर 15 से 20 सेंटीमीटर गहरे व 75 सेंटीमीटर व्यास के गड्ढे तैयार करते हैं |

     इन गड्ढों में अच्छा सड़ा हुआ गोबर खाद व कंपोस्ट खाद और उर्वरक मिलाकर भली प्रकार गुड़ाई कर देते हैं | इस प्रकार के तैयार किए गए गड्ढों में पांच से छः गन्ने के टुकड़ों की बुवाई करते हैं |
             

     FAQ  


     Q.1.- गन्ना बुवाई में क्या डालें ? 

    Ans. गन्ना की बुवाई के समय आर्गेनिक कार्बन 2 बैग प्रति एकड़ और 120 किलोग्राम नाइट्रोजन  व 80-90 किलोग्राम फास्फोरस 60 से 70 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ डालना चाहिए | 8-10 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति एकड़ फास्फोरस से अलग अवश्य प्रयोग करें | तो उस गन्ने की फसल से गन्ने की अच्छी पैदावार ले सकते हैं |

     Q.2.गन्ने में कैल्शियम कब लगाना चाहिए ?   

    Ans.-गन्ने में कैल्शियम नाइट्रेट गन्ने की फसल की अवस्था 45 से 50 दिन की अवस्था पर उपयोग करते हैं | इस समय 25 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से कैल्शियम नाइट्रेट अपने गन्ने के खेत में डाल सकते हैं |

     Q.3.-गन्ने में यूरिया का स्प्रे कैसे करें ? 

    Ans. गन्ने की फसल की अच्छी बढ़वार के लिए नैनो यूरिया का स्प्रे अपनी गन्ने की फसल में 500ml प्रति एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे के रूप में प्रयोग करें सकते हैं |

    Q.4.गन्ना बोने की सबसे अच्छी विधि कौनसी है ? 

    Ans. गन्ना बोने की सबसे अच्छी विधि ट्रेंच विधि हैं | अगर इस विधि में किसान भाई गन्ने की बुवाई करे तो सामान्य विधि से 30-40 प्रतिशत अधिक पैदावार ले सकते हैं |



     निष्कर्ष (Conclusion ) 


    तो किसान भाइयों आपने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना कि इस प्रकार से आप अपनी गन्ने की फसल में बुवाई के समय इन संन्तुलित खादों का प्रयोग करके गन्ने की फसल से एक अच्छा उत्पादन ले सकते हैं |

    गन्ने की बुवाई की विधियों को अच्छी तरीके से अपना कर अच्छी पैदावार ले सकते हैं | अगर यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो लाईक शेयर और कमेंट अवश्य करें |

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