मेंथा में सल्फर कब कब डालें | Mentha Mein Sulphur Ke Fayde

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 किसान भाइयों आज के आर्टिकल में हम बताने वाले हैं कि मेंथा की फसल में कब कब सल्फर डालें और Mentha Mein Sulphur Ke Fayde के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं तो किसान मित्रों मेंथा एक औषधियों फसल हैं और मेंथा की फसल से तेल का अच्छा उत्पादन लेने के लिए मेंथा की फसल को संन्तुलित मात्रा में खादों की आवश्यकता होती हैं | 

मेंथा की फसल की अच्छी बढ़वार के लिए 17 पौषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं | तो उनमें से ही एक द्वितीय तत्व सल्फर है, जो मेंथा की फसल में तेल की मात्रा को बढ़ाने के साथ साथ मेंथा की फसल की ग्रोथ को भी बढ़ाने में मदद करता है और मेंथा की फसल में फंगस को आने से भी रोकता है तथा मेंथा की खेती में अधिक मात्रा में नमी को भी सूखाने का भी काम करता है |

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मेंथा की फसल में सल्फर कब कब डालें (When to put Sulphur in Mentha )


मेंथा की खेती में सल्फर मेंथा की विभिन्न अवस्थाओं पर दें सकते है -

1-पहली बार मेंथा में सल्फर  - मेंथा की फसल में पहली बार सल्फर मेंथा की जड़ बुवाई व पौधे की रोपाई के समय डालना चाहिए | इस समय सल्फर 90 परसेंट ढ़ाई से तीन किलोग्राम प्रति एकड़ डालना चाहिए | इसको आप बुवाई के समय पोटाश से अलग पहली जुताई में या दूसरी जुताई में प्रयोग कर सकते हैं |

2-दूसरी बार मेंथा में सल्फर - मेंथा की फसल में दूसरी बार यूरिया मेंथा की फसल की अवस्था 35-40 दिन की हो तो यूरिया के साथ सल्फर 90 परसेंट 3kg प्रति एकड़ पानी से पहले या पानी के दो या तीन दिन बाद प्रयोग कर सकते हैं |

3-तीसरी बार मेंथा में सल्फर  - मेंथा की फसल में तीसरी बार सल्फर मेंथा की फसल की अवस्था कटाई से 8 से 10 दिन पहले स्प्रे के रूप में सल्फर लिक्विड 500ml प्रति एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं या सल्फर 90 परसेंट ढ़ाई से तीन किलोग्राम प्रति एकड़ कटाई से 10-15 दिन पहले डालने से मेंथा की फसल में तेल की मात्रा में वृद्धि होती हैं |



मेंथा की फसल में सल्फर के फायदे ( Benefits of Sulphur in Mentha crop)


मेंथा की फसल में सल्फर के फायदे की जब हम बात करें तो निम्नलिखित प्रकार से सल्फर मेंथा की फसल को फायदेमंद होती हैं -

1-यही मेंथा की फसल में जड़ों का विकास Development  करती है और मेंथा की फसल में नई शाखाओं का निर्माण करती हैं |
2-मेंथा की फसल की ग्रंथियों को अधिक विकसित करती है |
3-मेंथा की फसल में सल्फर का प्रयोग करने से मेंथा की फसल में सल्फर की उपस्थिति में पौधों की रोग रोधक शक्ति बढ़ती है |
4-मेंथा की फसल में सल्फर का प्रयोग करने से भूमि में इसकी कमी से मेंथा की फसल को अनेक बीमारियों व तेल की भी मात्रा कम निकलती हैं |
5-यह मेंथा की फसल में पत्तियों के पर्णहरिम निमार्ण में सहायता करता है अतः पौधों का रंग हरा होता हैं |
6-सल्फर गंधकयुक्त अमीनो अम्ल के निमार्ण का अनिवार्य तत्व हैं |
7-मेंथा में इसकी उपस्थिति में नाइट्रोजन और फास्फोरस की चूषण दक्षता पौधों में बढ़ती है |
8-यह मेंथा की फसल के पौधों के प्रोटीन, अमीनो एसिड,तेल, फैक्टी एसिड विटामिन के निमार्ण में सहायक होता हैं |


मेंथा में सल्फर की कमी के कारण (Causes of Sulfur Deficiency in Mentha Cultivation )


मेंथा की फसल में सल्फर की कमी के कारण पौधों की ग्रोथ अच्छे से नहीं होती हैं | मेंथा के पौधों का तना पतला रह जाता है | मेंथा की फसल के पौधों और पत्तियों में रंग हरापन कम दिखाई देते हैं | मेंथा की फसल में सल्फर की कमी के कारण तेल का भी उत्पादन कम मिल पाता हैं | 

मेंथा में सल्फर की कमी के कारण पौधों में नयी शाखाओं का निर्माण जल्दी नहीं हो पाता हैं | और मेंथा में सल्फर की कमी के कारण पौधों व जड़ों का भी विकास रूक जाता हैं |

मेंथा में सल्फर का उपयोग (Use of Sulfur in Mentha)


मेंथा की फसल में सल्फर के उपयोग की बात करें तो मेंथा की फसल में निम्नलिखित सल्फर उपयोग में लाई जाती हैं | विभिन्न मात्रा में -

  1. सल्फर 80%WP-Dose-3-4kg/एकड़
  2. सल्फर 80 % WDG -Dose-2.5-3kg/एकड़
  3. सल्फर 90 %WDG - Dose -2-2.5kg/एकड़
  4. सल्फर तरल 40 % SC -Dose-500ml/एकड़ 

FAQ 


1.Q.-1 एकड़ में सल्फर कितनी डालनी चाहिए ?

Ans. - एक एकड़ में सल्फर जमीन में मेंथा की फसल में तेल की पैदावार बढ़ाने के लिए जड़ बुवाई के समय व रोपाई के समय सल्फर 90 परसेंट ढ़ाई किलोग्राम प्रति एकड़ जमीन में डालना चाहिए |

2.Q.- मेंथा में कौनसी खाद डालें ?

 Ans.मेंथा की जड़ बुवाई के समय तथा मेंथा के पौधे की रोपाई के समय 120-140kg नाइट्रोजन और 50-60kg फास्फोरस और 40-50kg प्रति हेक्टेयर प्रयोग कर सकते हैं इसमें नाइट्रोजन की मात्रा 30-35kg जड़ बुवाई/रोपाई के समय प्रति हेक्टेयर और बाकी नाइट्रोजन की मात्रा खड़ी फसल में प्रयोग करना चाहिए |


3.Q.-मेंथा की अधिक पैदावार के लिए क्या करें ?

Ans. मेंथा की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए संतुलित मात्रा में खादों का प्रयोग करें और सल्फर 90 परसेंट ढ़ाई से तीन किलोग्राम प्रति एकड़ जमीन में मेंथा की फसल में अवश्य प्रयोग करें |

4.Q. मेंथा में सल्फर का प्रयोग कब करें ?

Ans. मेंथा की फसल में सल्फर का उपयोग तीन बार करना चाहिए |
  1. पहली बार बुवाई के समय या पौधा रोपाई के समय |
  2. दूसरी बार मेंथा की अवस्था 30-35 दिन पर |
  3. तीसरी बार मेंथा कटाई से 8-10 दिन पहले |

अधिक जानकारी हेतु यह वीडियो देखें 




निष्कर्ष(Conclusion )

तो किसान भाइयों मेंथा की फसल में सल्फर एक बहुत ही आवश्यक तत्व हैं | जिसका उपयोग मेंथा की फसल में बताये अनुसार अवश्य करें | अगर यह जानकारी अच्छी लगी हो तो और किसानों में शेयर करें और अधिक जानकारी चाहिए तो कमेंट अवश्य करें |


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