धान का बीज उपचार | Dhan Ke Beej Ka Upchar Kiase Kare

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धान की फसल पर कई तरह के रोग बीज ज़नित व भूमि जनित बीमारियों जैसे धान का हल्दिया रोग, उखठा रोग, बकानी रोग फ्लैग स्मट व कवर स्मट इत्यादि का आक्रमण होता हैं | जिसके कारण धान के बीज का अंकुरण प्रभावित होता है | और पैदावार में कमी आ जाती है |


इन बीमारियों की सफल रोकथाम के लिए धान का बीज उपचार करना बहुत ही जरूरी होता है | तो आज के आर्टिकल में हम धान के बीज का उपचार किस तरह से करें किन दवाओं से करें धान के बीज उपचार करने से क्या -2 फायदे होते हैं और धान का बीज उपचार ना करने से क्या क्या हानि होती हैं | हम इस लेख के मध्यम से जाने वाले हैं |


धान का बीज उपचार ,Dhan Ke Beej Ka Upchar Kiase Kare , धान के बीज शोधन की दवा,



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    बीज उपचार क्या हैं ? (What is Seed Treatment  in Hindi) 


    फसलों के बीजों को बुवाई से पहले या नर्सरी डालने से पहले किसी दवा फफूंदीनाशक कीटनाशक और जीवाणु कल्चर से दानों पर (बीजों पर) दवा लगाकर हम उपचारित करते हैं | उसको हम बीज उपचार कहते हैं |


    धान का बीज उपचार करने के लाभ या महत्व (Benefits of Treating paddy seeds in Hindi) 


    धान का बीज उपचार करने के बहुत अधिक लाभ होते हैं | लेकिन जब हमारे किसान भाई धान की नर्सरी डालने जाते हैं | तो ज्यादातर किसान भाई धान के बीज का उपचार नहीं करते हैं | परन्तु उस समय वह यह भूल जाते हैं | कि धान का बीज उपचार करने से क्या क्या लाभ होते हैं | तो हम जान लेते हैं कि धान के बीज का बीज उपचार करने के लाभ के बारे में -


    धान का बीज उपचार करने से लाभ -


    1. बीज का अंकुरण अधिक होता हैं |
    2. बीज शीघ्र और एक समान जमता हैं |
    3. भूमि जनित व बीज जनित बीमारियां कम दिखाई देती हैं |
    4. अधिक गहरी जड़ों वाले स्वस्थ पौधों का निर्माण होता हैं |
    5. विपरीत परिस्थितियों में बीज व पौधों को पूर्ण सुरक्षा होती हैं | जैसे अधिक या कम वर्षा और आसमान गहराई में बुवाई होने पर भी अंकुरण शीघ्र होता है |
    6. उच्च गुणवत्ता की अधिक उपज मिलती है |
    7. बीज का सड़ना भी कम दिखाई देता है |
    8. धान का बीज उपचार करने से बीज भी कम गलता हैं |
    9. बीजों में फफूंदीजनक रोग कम लगते हैं |
    10.  धान के बीज अंकुरित होकर कम मरते हैं |


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    धान का बीज उपचार नहीं करने से हानि (Loss due to non-Treatment of Seed of Paddy in Hindi)


    आपने देखा होगा कि हमारे देश में ज्यादातर किसान भाई धान के बीज का उपचार नहीं करते हैं | परन्तु उस समय वह यह भूल जाते हैं | कि हमने इतना मंहगा हाईब्रिड बीज धान का खरीदा हैं | अगर 1-2 प्रतिशत भी बीज नहीं अंकुरित हुआ तो कितनी हानि होगी | तो धान का बीज उपचार नहीं करने से निम्न हानियां होती हैं |


    धान का बीज उपचार नहीं करने से हानियां -


    1.  धान के बीजों का अंकुरण कम होता हैं |
    2. धान का बीज शीघ्र और एक समान अंकुरित नहीं होता हैं |
    3. भूमि जनित व बीज जनित बीमारियां दिखाई देती हैं |
    4. अधिक गहरी जड़ों वाले स्वस्थ पौधों का निर्माण नहीं होता हैं |
    5. विपरीत परिस्थितियों में बीज व पौधों को पूर्ण सुरक्षा नहीं होते हैं जैसे अधिक या कम वर्षा और आसमान गहराई में बुवाई होने पर भी अंकुरण शीघ्र नहीं होता है |
    6. उच्च गुणवत्ता की अधिक उपज नहीं मिलती है |
    7. बीज का सड़ना भी अधिक दिखाई देता है |
    8. धान का बीज उपचार नहीं करने से बीज भी अधिक गलता हैं |
    9. बीजों में फफूंदीजनक रोग अधिक लगते हैं |
    10.  धान के बीज अंकुरित होकर मर जाते हैं |


    धान का बीज उपचार कैसे करें (How to do seed Treatment of Paddy in Hindi)


    धान का बीज उपचार तीन तरीके से करना हैं -
    1. फफूंदीनाशक दवा से बीज उपचार |
    2. कीटनाशक दवा से बीज उपचार |
    3. जीवाणु कल्चर से बीज उपचार |

     1.फफूंदीनाशक दवा से बीज उपचार 


    A.रासायनिक विधि के द्वारा  B.जैविक विधि द्वारा


    A.रासायनिक विधि के द्वारा


    धान के बीज का बीज उपचार हम फफूंदीनाशक दवाओं से करते हैं | वह फफूंदीनाशक दवायें निम्नलिखित हैं | जिनमें 
    से हम किसी एक फफूंदीनाशक से धान का बीज उपचारित कर सकते हैं -
    1. कार्बेन्डाजिम
    2. मेंकोजेब
    3. थीरम
    4. बेनिमिल
    5. कैप्टान


    मात्रा (Dose) 
    प्रत्येक फफूंदीनाशक दवा की 2-3 ग्राम प्रति किलो बीज |




    B.जैविक विधि द्वारा

    जैविक विधि में हम धान का बीज उपचार ट्राईकोडर्मा से करते हैं | इस विधि में ट्राईकोडर्मा 3-5 ग्राम प्रति किलो बीज के हिसाब से प्रयोग करते हैं |



    2.कीटनाशक दवा से बीज उपचार 


    धान के बीज का बीज उपचार हमें फफूंदीनाशक दवायें के बीज उपचार के बाद जब धान का बीज सूख जाए उसके बाद करना चाहिए | कीटनाशक से धान का बीज उपचार करने से कीटों का आक्रमण बीजों पर कम होता हैं | इन कीटनाशकों में से किसी एक कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं |

    1. क्लोरोपायरीफास
    2. इमिडाक्लोप्रिड़
    3. थायामेथाक्साम


    Dose (मात्रा)

    प्रत्येक कीटनाशक दवा की मात्रा 3-5ml या ग्राम प्रति किलो बीज हैं |


    3.जीवाणु कल्चर से बीज उपचार 


    इस विधि में धान का बीज उपचार फफूंदीनाशक दवा के और कीटनाशक दवा के बीज उपचार के बाद बीज उपचार किया जाता हैं | इस बीज उपचार में नाइट्रोजन (N) की पूर्ति के लिए राईजोवियम ,एजोटोबेक्टर ,एजोस्पिलियम नामक बैक्टीरियों से धान का बीज उपचार किया जाता हैं | P (फास्फोरस) की पूर्ति के लिए पीएसबी कल्चर से बीज उपचार करते हैं | पोटाश (K) की पूर्ति के लिए केएसबी कल्चर से बीज उपचार करना चाहिए |


    मात्रा (Dose)

    इन सभी जीवाणु कल्चर की मात्रा 5-7 ग्राम प्रति किलो बीज हैं |


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    FAQ 


    1.Q.धान के बीज का शोधन कैसे करें ?


    Ans.धान के बीज का शोधन कार्बोक्सिम 37.5%+ थीरम 37.5% दवा से करना चाहिए | यह दवा मार्केट में विटाबैक्स नाम से धानुका कम्पनी की मिल जायेंगी | मात्रा 2-3 ग्राम प्रति किलो धान का बीज |


    2.Q. बीज उपचार कैसे किया जाता है ?


    Ans . धान के बीज का बीज उपचार करने के लिए सबसे पहले धान के बीज को 17-18 घण्टे पानी में भिगोने के बाद धान के बीज को पानी से निकलकर कार्बेन्डाजिम दवा 2-3 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से बीज को उपचारित कर लेते हैं  |


    3.Q.धान के बीज को उपचारित करने के लिए क्या क्या तरीका चाहिए ?


    Ans.धान का बीज उपचार तीन तरीके से करना चाहिए हैं 

    1. फफूंदीनाशक दवा से बीज उपचार |
    2. कीटनाशक दवा से बीज उपचार |
    3. जीवाणु कल्चर से बीज उपचार |
     

    1.फफूंदीनाशक दवा से बीज उपचार 


    A.रासायनिक विधि के द्वारा  B.जैविक विधि 


    निष्कर्ष (Conclusion )


    तो किसान भाइयों आज के आर्टिकल में आपने जाना की धान का बीज उपचार कैसे करें | तो अगर यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो और किसानों को शेयर करें और अधिक जानकारी हेतु कमेंट अवश्य करें |


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