आलू में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें

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 किसान भाइयों आलू का सब्जियों में प्रमुख स्थान है | आलू हमारे भारतवर्ष में बड़े पैमाने पर किया जाता हैं | तो आलू की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए हमें आलू की फसल में खरपतवारों का नियंत्रण रखना भी अति आवश्यक होता हैं | तभी हम एक आलू की फसल से एक अच्छी पैदावार ले सकते हैं | तो आज के आर्टिकल में हम आलू में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें के बारे में जानने वाले हैं |

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Table of contents 

    आलू की फसल में होने वाले खरपतवार (W
    eeds in Potato Crop)

    तो किसान भाइयों आलू में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें के बारे में जानने से पहले हम सबसे पहले जान लेते हैं  | कि आलू की फसल में कौन-कौन से खरपतवार उगते हैं | तो आलू की फसल में तीन तरह के खरपतवार उगते हैं -
    1. सकरी पत्ती के खरपतवार (Narrow leaf weeds )
    2. चौड़ी पत्ती के खरपतवार (Broad leaf weeds)
    3. मोथाकुल

    1. सकरी पत्ती के खरपतवार (Narrow leaf weeds )

    आलू की फसल में यह ऐसी खरपतवार होते हैं | जिनकी पत्तियां सकरी और जड़ मूसलाधार होती हैं | जो उखाड़ने पर आपने साथ बहुत सारी मिट्टी लाते हैं | जो आलू की फसल के लिए बहुत अधिक हानि पहुंचाते हैं जैसे जंगली जाई, गुल्ली डंडा,गुजघास,दूबघास,दाब,कांस आदि |


    2. चौड़ी पत्ती के खरपतवार (Broad leaf weeds)

    आलू की फसल में यह ऐसे उगे हुए खरपतवार होते हैं | जिनके पौधों की पत्तियां चौड़ी होती हैं  | अगर इन खरपतवारों को उखाड़ते हैं | तो यह अपनी जड़ के साथ अधिक मिट्टी नहीं लेंकर आते हैं | यह खरपतवार सकरी पत्ती के खरपतवारों से कम हानि आलू की फसल को पहुंचाते हैं | जैसे मकोय , बथुआ ,खथुआ, कृष्ण नील ,हिरनखुरी, सफेद सेंजी ,अकरी,पथरचटा,प्याजी, जंगली चौलाई आदि |


    3. मोथाकुल (Motha Family) - मोथा 



    आलू की फसल में खरपतवारों से हानि (Loss Due to Weeds in Potato Crop)

    आलू की फसल में खरपतवारों से निम्नलिखित हानियां देखने को मिलती है-
    1-आलू की फसल में खरपतवार अधिक होने से आलू के पौधों की ग्रोथ अच्छी नहीं होती हैं | पौधे पतले रह जाते हैं |
    2. आलू की फसल में खरपतवार अगर हम नियंत्रण नहीं करते हैं | तो यह खरपतवार हमारे आलू की फसल से जो खाद हम डालते हैं | उसकी बहुत अधिक मात्रा यह खरपतवार ग्रहण कर लेते हैं | इस  कारण आलू के पौधे अच्छे से विकास नहीं कर पाते हैं |
    3.आलू के पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया में भी अधिक हानि पहुंचाते हैं |
    4. आलू में खरपतवार आलू की फसल की पैदावार को कम करते हैं |


    आलू में खरपतवार नियंत्रण (Weeds Control in Potatoes)

    आलू की फसल में खरपतवारों का नियंत्रण दो विधियां से करते हैं -
    1. यांत्रिक विधि
    2. रासायनिक विधि
    1.यांत्रिक विधि- 

    इस विधि में आलू की फसल में खुरपी से निराई गुड़ाई करके खरपतवारों को नियंत्रित किया जाता हैं |

    2.रासायनिक विधि -

    इस विधि में आलू की फसल में रासायनिक दवाओं का उपयोग करके खरपतवारों को उगने से पहले या उगने के बाद नियंत्रित किया जाता है |
    आलू में खरपतवारनाशक दवा खरपतवार उगने से पहले पेंडामेथलिन 30 % ई.सी.(धनुटाप ,टाटा पनीड़ा,स्टाप ) 1 लीटर प्रति एकड़ का उपयोग 150-200 लीटर पानी में मिलाकर करना चाहिए  | इस दवा का स्प्रे आलू बुवाई के 24 घंटे बाद तक कर देना चाहिए |

    आलू में खरपतवार उगने के बाद मेट्रीब्युजिन 70%WP(सेंकार,टाटा मेट्री) का उपयोग स्प्रे में 150-200gm प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिलाकर करना चाहिए  |



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    FAQ

    Q.1. आप आलू में खरपतवार कैसे नियंत्रित करते हैं ?


    Ans. किसान भाइयों आलू में खरपतवार उगने से पहले पेंडामेथलिन 30 % ई.सी. 1 लीटर प्रति एकड़ का उपयोग 150-200 लीटर पानी में मिलाकर करना चाहिए  | इस दवा का स्प्रे आलू बुवाई के 24 घंटे बाद तक कर देना चाहिए | और हम आलू में खरपतवार उगने के बाद मेट्रीब्युजिन 70%WP का उपयोग स्प्रे में 150-200gm प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिलाकर करना चाहिए  |

    Q.2. सबसे अच्छी खरपतवार नाशक दवा कौन सी है ?


    Ans. आलू की फसल के लिए सबसे अच्छी खरपतवार नाशक दवा मेंट्रीब्युजिन 70% WP हैं | इसका उपयोग आप आलू की फसल में 15-200gm प्रति एकड़ कर सकते हैं |



    निष्कर्ष (Conclusion )

    तो किसान भाइयों आप इस आर्टिकल के मध्यम से अच्छी तरह से समझ गये होंगे कि आलू में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें | अगर यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो और किसानों को भी शेयर करें |


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