आलू में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें
किसान भाइयों आलू का सब्जियों में प्रमुख स्थान है | आलू हमारे भारतवर्ष में बड़े पैमाने पर किया जाता हैं | तो आलू की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए हमें आलू की फसल में खरपतवारों का नियंत्रण रखना भी अति आवश्यक होता हैं | तभी हम एक आलू की फसल से एक अच्छी पैदावार ले सकते हैं | तो आज के आर्टिकल में हम आलू में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें के बारे में जानने वाले हैं |
आलू की फसल में होने वाले खरपतवार (Weeds in Potato Crop)
1. सकरी पत्ती के खरपतवार (Narrow leaf weeds )
आलू की फसल में यह ऐसी खरपतवार होते हैं | जिनकी पत्तियां सकरी और जड़ मूसलाधार होती हैं | जो उखाड़ने पर आपने साथ बहुत सारी मिट्टी लाते हैं | जो आलू की फसल के लिए बहुत अधिक हानि पहुंचाते हैं जैसे जंगली जाई, गुल्ली डंडा,गुजघास,दूबघास,दाब,कांस आदि |
2. चौड़ी पत्ती के खरपतवार (Broad leaf weeds)
आलू की फसल में यह ऐसे उगे हुए खरपतवार होते हैं | जिनके पौधों की पत्तियां चौड़ी होती हैं | अगर इन खरपतवारों को उखाड़ते हैं | तो यह अपनी जड़ के साथ अधिक मिट्टी नहीं लेंकर आते हैं | यह खरपतवार सकरी पत्ती के खरपतवारों से कम हानि आलू की फसल को पहुंचाते हैं | जैसे मकोय , बथुआ ,खथुआ, कृष्ण नील ,हिरनखुरी, सफेद सेंजी ,अकरी,पथरचटा,प्याजी, जंगली चौलाई आदि |
3. मोथाकुल (Motha Family) - मोथा
आलू की फसल में खरपतवारों से हानि (Loss Due to Weeds in Potato Crop)
आलू की फसल में खरपतवारों से निम्नलिखित हानियां देखने को मिलती है-
1-आलू की फसल में खरपतवार अधिक होने से आलू के पौधों की ग्रोथ अच्छी नहीं होती हैं | पौधे पतले रह जाते हैं |
2. आलू की फसल में खरपतवार अगर हम नियंत्रण नहीं करते हैं | तो यह खरपतवार हमारे आलू की फसल से जो खाद हम डालते हैं | उसकी बहुत अधिक मात्रा यह खरपतवार ग्रहण कर लेते हैं | इस कारण आलू के पौधे अच्छे से विकास नहीं कर पाते हैं |
3.आलू के पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया में भी अधिक हानि पहुंचाते हैं |
4. आलू में खरपतवार आलू की फसल की पैदावार को कम करते हैं |
आलू में खरपतवार नियंत्रण (Weeds Control in Potatoes)
आलू की फसल में खरपतवारों का नियंत्रण दो विधियां से करते हैं -
1. यांत्रिक विधि
2. रासायनिक विधि
1.यांत्रिक विधि-
इस विधि में आलू की फसल में खुरपी से निराई गुड़ाई करके खरपतवारों को नियंत्रित किया जाता हैं |
2.रासायनिक विधि -
इस विधि में आलू की फसल में रासायनिक दवाओं का उपयोग करके खरपतवारों को उगने से पहले या उगने के बाद नियंत्रित किया जाता है |आलू में खरपतवारनाशक दवा खरपतवार उगने से पहले पेंडामेथलिन 30 % ई.सी.(धनुटाप ,टाटा पनीड़ा,स्टाप ) 1 लीटर प्रति एकड़ का उपयोग 150-200 लीटर पानी में मिलाकर करना चाहिए | इस दवा का स्प्रे आलू बुवाई के 24 घंटे बाद तक कर देना चाहिए |
आलू में खरपतवार उगने के बाद मेट्रीब्युजिन 70%WP(सेंकार,टाटा मेट्री) का उपयोग स्प्रे में 150-200gm प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिलाकर करना चाहिए |
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FAQ
Q.1. आप आलू में खरपतवार कैसे नियंत्रित करते हैं ?
Ans. किसान भाइयों आलू में खरपतवार उगने से पहले पेंडामेथलिन 30 % ई.सी. 1 लीटर प्रति एकड़ का उपयोग 150-200 लीटर पानी में मिलाकर करना चाहिए | इस दवा का स्प्रे आलू बुवाई के 24 घंटे बाद तक कर देना चाहिए | और हम आलू में खरपतवार उगने के बाद मेट्रीब्युजिन 70%WP का उपयोग स्प्रे में 150-200gm प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिलाकर करना चाहिए |
Q.2. सबसे अच्छी खरपतवार नाशक दवा कौन सी है ?
Ans. आलू की फसल के लिए सबसे अच्छी खरपतवार नाशक दवा मेंट्रीब्युजिन 70% WP हैं | इसका उपयोग आप आलू की फसल में 15-200gm प्रति एकड़ कर सकते हैं |
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