आलू में जड़ गलन रोग | Root Rot Disease of Potato in Hindi

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आलू की फसल में बहुत सारे रोग लगते हैं | यह सभी रोग आलू की फसल को कुछ न कुछ नुकसान अवश्य पहुंचाते हैं | उन्हीं रोग में से एक रोग आलू की फसल में बहुत दिखाई देता हैं |  उसका नाम है | आलू का जड़ गलन रोग | 

यह आलू का जड़ गलन रोग आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है | तो आज के आर्टिकल में हम आलू में जड़ गलन रोग की रोकथाम कैसे करें और यह रोग को आलू में कैसे पहचानेंगे के बारे में जानने वाले हैं |


      जड़ गलन रोग (What is Root Rot Disease in Hindi) 


    जड़ गलन रोग आलू का वह रोग हैं | जिसमें आलू के पौधों की जड़ें गलने सड़ने लगती है | जड़ों को सूंघने पर दुर्गंध आने लगती हैं | पौधे ऊपर से मुरझाने लगते हैं | अगर इस रोग को कन्ट्रोल नहीं किया तो 4-5 दिन बाद पौधे सूख कर मर जाते हैं |


     आलू में जड़ गलन रोग के लक्षण ( Symptoms of Root Rot Disease in Potato in Hindi)


    यह Root Rot रोग आलू की फसल में प्रारम्भ में कहीं - कहीं दिखाई देता हैं और इस रोग में आरम्भ में आलू के पौधों की कुछ जड़ें गलना प्रारंभ होती हैं और पौधे ऊपर से मुरझाए हुए दिखाई देते हैं |

    रोगग्रस्त पौधों को उखाड़ कर देखने पर जड़ों में चिपचिपापन,जड़ें गली और जड़ों की छाल उतरी हुई दिखाई देती हैं | आलू का Root Rot रोगग्रस्त पौधा सामान्य पौधों की अपेक्षा आसानी से उखाड़ आता है |

    इन रोगग्रस्त पौधों की रोकथाम नहीं किया तो यह Root Rot रोगग्रस्त पौधों को बहुत जल्दी नष्ट कर देता हैं | आलू के कन्दों को भी गला देता हैं | जिससे हमें आलू की फसल से पैदावार बहुत कम मिलती है | तो रोगग्रस्त पौधों की रोकथाम हमें जल्दी करना चाहिए |

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    आलू में जड़ गलन रोग की रोकथाम (Root Rot Control of Potato)


    आलू की फसल में जड़ गलन रोग की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं -

    1.1-आलू की बुवाई के समय आलू के बीजों का बीज उपचार अवश्य करना चाहिए | बीजशोधित आलू की फसल में यह रोग बहुत कम देखने को मिलता है |

    1.2-आलू की रोगग्रस्त फसल में नाइट्रोजन का प्रयोग कभी नहीं करें वरना प्रयोग करने से रोग और बढ़ने लगता हैं रोग की रोकथाम होने के बाद प्रयोग कर सकते हैं |

    1.3-आलू की खड़ी फसल में जड़ गलन (Root Rot ) रोग की रोकथाम के लिए मैटालेक्सिल 8% + मैंकोजेब 64% WP का जड़ पर डॉन्चिग के रूप में रोगग्रस्त पौधों की जड़ पर स्प्रे करना हैं |

    1.4- या मैटालेक्सिल 35% - 200gm/एकड़ या 1gm/लीटर पानी में मिलाकर Root Rot रोगग्रस्त पौधा की जड़ों पर डॉन्चिग के रूप में स्प्रे कर सकते हैं|



     अधिक जानकारी के लिए यह वीडियो अवश्य देखें  




    FAQ


    1.Q.- जड़ गलन रोग क्या हैं ?

    Ans.-जड़ गलन रोग में पौधे की जड़ें गलने सड़ने लगती हैं और पौधों मुरझाए हुए दिखाई देते हैं और 4-5 दिन में पौधों की जड़े नष्ट हो जाते हैं और पौधे मर जाते हैं |

    2-Q.- आलू में झुलसा रोग की दवा क्या हैं ?

    Ans.-आलू में झुलसा रोग की दवा मैटालेक्सिल 8% + मैंकोजेब 64%WP 500-600gm प्रति एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं |

    3-Q.- आलू में पोटाश कब डालना चाहिए ?

    Ans.आलू की फसल में पोटाश दो बार प्रयोग कर सकते हैं पहली बार बुवाई के समय और दूसरी बार 70-75 दिन की अवस्था पर घुलनशील पोटाश का स्प्रे में प्रयोग कर सकते हैं |

    4.Q-आप जड़ सड़न को कैसे ठीक करते हैं ?

    Ans. आलू की फसल में जड़ गलन रोग को ठीक करने के लिए कापर आक्सीक्लोराइट 50%WP दवा को 500-600 gm प्रति एकड़ और साथ में वालिडामाइसीन 3SL -300-400ml प्रति एकड़ दोनों दवाओं को 200-250 लीटर पानी में मिलाकर आलू के पौधों की जड़ पर टांचिंग (चोईया) करना चाहिए|


    निष्कर्ष (Conclusion )


    तो किसान भाइयों इस तरह से आप अपनी आलू की फसल में जड़ गलन रोग को रोक सकते हैं अगर यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो और किसानों को शेयर करें और अधिक जानकारी हेतु कमेंट अवश्य करें |




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