आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है | क्योंकि की आलू एक बहुत ही महत्वपूर्ण सब्जियों में से एक है | इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और विटामिन के अलावा स्टार्च आदि पौषक तत्व पाए जाते हैं | आलू एक कार्बोहाइड्रेट तत्व का मुख्य स्रोत है |
आलू की खेती हमारे देश के विभिन्न राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है जैसे-उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल और गुजरात आदि राज्यों में उगाई जाती है | आलू की फसल में यहां बहुत रोग जैसे-जड़ विगलन, तना विगलन, ब्लेक स्कार्ब, अगेती झुलसा और पछेती झुलसा रोग आते हैं | जोकि आलू की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं |
आज हम इस ब्लॉग में Early Blight of Potatoके रोग के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं | कि आलू की फसल को अगेती झुलसा रोगसे कैसे बचाएं,लक्षण,पहचान, और रोकथाम की दवाओं के बारे में बात करने वाले हैं |
Early Blight of Potato रोग ज्यादातर अगेती आलू की फसल में देखा जाता है और अगेती आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है|यह रोग दिसंबर के महीने में दिखाई देता है और यह हमारी आलू की फसल के लिए 40 से 70 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा सकता है |
Early Blight of Potato is Caused ( आलू में अगेती झुलसा आने का रोग कारक)
आलू का यह रोग आल्टनेरिया सोलेनाई नामक कवक से होता है | Early Blight of Potatoयह रोग के कारण आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान होता है |
आलू का अगेती झुलसा रोग (Symptoms of Early Blight of Potato) के लक्षण-
यह रोग के लक्षण आलू बुवाई के 3 से 4 सप्ताह बाद भी देखें जा सकते हैं | इस रोग के लक्षण आलू के पौधों की निचली पत्तियों पर पहले छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं | बाद में यह रोग बढ़ने पर धब्बों का आकार बड़ा और पत्तियों का रंग भी बदल जाता है |
Early Blight of Potatoin Hindi के रोग का प्रकोप अधिक बढ़ने पर पत्तियों जली हुई और सिकुड़ती हुए दिखाई देती हैं | और तने पर भी भूरे और काले धब्बे दिखाई देने लगते हैं |
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया भी कम होने के कारण कन्दों का आकार भी छोटा रह जाता है | और उस आलू की फसल से हमें पैदावार भी कम मिलती है | Early Blight of Potato रोग की पत्तियां जैसे आप नीचे देख रहे हैं ऐसी ही दिखाई देती है |
आलू का अगेती झुलसा रोग (Control of Early Blight of Potato) की रोकथाम
1-आलू की रोग प्रतिरोधक किस्मों की बुवाई करना चाहिए
जैसे कुफरी अलंकार कुफरी सिन्दूरी कुफरी नवीन JH-222 आदि |
2. उचित फसल चक्र का उपयोग करना चाहिए |
3. आलू की खुदाई के बाद जो रोग ग्रस्त आलू की फसल के अवशेष बचते हैं उनको जलाकर नष्ट कर देना चाहिए |
4. आलू की फसल पर समय समय पर Fungicide दवाओं का स्प्रे करते रहे जैसे -
आलू में अगेती झुलसा रोग का उपचार (Early blight of potato in hindi treatment)
1-इस रोग की रोकथाम के लिए मैटालक्सिल 8%+मेन्कोजेब 64% WP दवा 3gm/Liter water या 500-600 gm/एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें |
ब्रांड नाम जैसे-रिडोमिल गोल्ड,मैटको आदि
या
2- इस रोग की रोकथाम के लिए कापर आंक्सीक्लोराइड 50%WP दवा को 2-3gm/Liter water या 500gm/एकड़ के हिसाब से 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें | ब्रांड नाम -धानुकाप
या
3-हेक्साक्लोनोजोल 5%EC-500ml/एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें |
या
3-एजोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाजोल 18.3% दवा को 300ml प्रति एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं | आनलाईन खरीदें..........
4- Cymoxnil 8%+Mancozeb 64%Wp नामक फफूंदीनाशक का 400-500gm प्रति एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं |
Early Blight of Potato के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह वीडियो देखें
FAQ
1.Q.-आलू में झुलसा रोग के लिए कौनसी दवा डालें ?
Ans.-आलू में झुलसा रोग की रोकथाम के लिए मैटालेक्सिल 8%+मैंकोजेब 64% WP दवा 500-600gm प्रति एकड़ का स्प्रे करें |
2.Q.झुलसा रोग के लक्षण क्या हैं ?
Ans. झुलसा रोग के लक्षण सबसे पहले पौधों की निचली पत्तियों पर दिखाई देते है | इसका अत्यधिक प्रकोप होने पर पौधों की पत्तियों के अलावा तना व कन्दों पर भी दिखाई देता है |
प्रारंभ में पौधों की निचली पत्तियों पर छोटे-2 भूरे, काले व कत्थाई रंग के धब्बे दिखाई देते हैं और रोग का प्रकोप अधिक होने पर यह धब्बे बढ़ते जाते हैं |
3.Q-आलू के अगेती तुड़ाई के प्रभावी नियंत्रण के लिए कौनसा कवकनाशी सबसे उपयुक्त है ?
Ans.-आलू में अगेती झुलसा रोग के प्रभावी कन्ट्रोल के लिए मैटालेक्सिल 35% ws 150-200gm प्रति एकड़ को 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें |
4.Q. आलू का अर्ली ब्लाइट किसके द्वारा होता है ?
Ans. आलू की फसल में Early Blight एक फफूंदी जनक रोग है | यह रोग के लक्षण सबसे पहले पौधों की निचली पत्तियों पर भूरे काले रंग के धब्बे छोटे-छोटे रिंगनुमा गोल आकार के दिखाई देते हैं | जो बाद में अनुकूल मौसम में पौधों की ऊपरी पत्तियों पर धीरे-धीरे बढ़ते हुए दिखाई देते हैं | यह रोग आल्टरनेरिया सोलेनाई फफूंदी के कारण आता है |
Hi
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