Late Blight Of Potato in Hindi | आलू का पछेती झुलसा रोग

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आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है | यह Late Blight of Potato रोग आलू का बहुत भयानक रोग है | जोकि आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है | यह रोग के अनुकूल मौसम मिलते ही यह रोग आलू की फसल में बहुत तेजी से फैलता हैं |


आलू एक रबी की महत्वपूर्ण फसलों में से एक फसल हैं | जोकि हमारे देश में बड़े पैमाने पर की जाती है | परन्तु हमारे देश के किसान आलू की पैदावार आलू की उत्पादन क्षमता के अनुरूप पैदावार नहीं ले पाते हैं | क्योंकि इसका एक मुख्य कारण (Late Blight of Potato in Hindi) आलू का पछेती झुलसा रोग भी हैं |


यह रोग के लगने के कारण भी हमारे यहां पैदावार कम मिलती है | तो आज के आर्टिकल में हम आलू का पछेती झुलसा रोग के बारे में जानने वाले हैं | आलू में झुलसा रोग की रोकथाम के बारे में भी जानने वाले हैं |


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Late Blight of Potato is Caused by-  आलू में  पछेती झुलसा आने का रोग कारक-


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आलू में पछेती झुलसा रोग आने का मुख्य रोग कारक फाइटोफ्थोरा इन्फेसटेन्स नामक कवक होता है | जोकि आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है


आलू का पछेती झुलसा रोग (Late Blight of Potato  in Hindi) के लक्षण  


यह रोग के लक्षण आलू में जनवरी के पहले सप्ताह से फरवरी अंत तक बहुत देखें जाते हैं इस रोग से ग्रस्त आलू की फसल के पौधों की पत्तियों पर पहले काले व भूरे, कत्थाई अनियमित आकार के धब्बे दिखाई देते हैं |


रोग के लक्षण सबसे पहले निचली पत्तियों पर दिखाई देते हैं और बाद में प्रकोप अधिक होने पर पूरे पौधे पर दिखाई देते हैं | इसका प्रकोप अत्यधिक होने पर तो इसके लक्षण तना व कन्दों पर भी दिखाई देने लगते हैं | 


अगर मौसम इसके अनुकूल होने पर जैसे-बेमौसम बारिश,कई दिनों तक कोहरा छाया रहना, तापमान बहुत कम होना, पाले का पड़ना तो यह रोग (Late Blight of Potato in Hindi) आलू की फसल में बहुत जल्दी फैलता है और यह आलू की फसल को चार से पांच दिन में नष्ट भी कर सकता है |



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पछेती झुलसा रोग ( Late Blight of Potato in Hindi) की रोकथाम  के उपाय 

1.आलू में पिछेती झुलसा रोग की रोकथाम के लिए रोगरहित और रोग प्रतिरोधी प्रजातियां की बुवाई करना चाहिए जैसे - JH-222 कुफरी सिन्दूरी कुफरी नवीन कुफरी अलंकार आदि |

2.आलू में पछेती झुलसा रोग की रोकथाम के लिए उचित फसल चक्र दो बर्ष का उपयोग करना चाहिए |

3. खुदाई के बाद आलू के पौधों के बचें अवशेषों और कंदों को जलाकर खत्म कर देना चाहिए |

4.आलू के बीज को उपचारित करके बुवाई में इस्तेमाल करना चाहिए |

5.आलू की अवस्था के अनुसार समय समय पर फफूंदीनाशक रसायनों का स्प्रे करता रहना चाहिए | जैसे 

पछेती झुलसा रोग ( Late Blight of Potato in Hindi) की रोकथाम  की दवायें 

आलू में पछेती झुलसा रोग (Late Blight of Potato in Hindi) रोकने के लिए बहुत सारी दवाएं मार्केट में मिला जायेगा | परन्तु आज हम तीन दवायें आलू में पछेती झुलसा रोग की बताने वाले हैं वह निम्नलिखित हैं-



 1-मैटालेक्सिल 8%+मेंक्रोजेब 64%WP 


Dose-2-3gm/लीटर पानी या 400-500gm/एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं | तो यह आलू का पछेती झुलसा रोग (Late Blight of Potato in Hindi) कन्ट्रोल हो जाता है 


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 2-मैटालेक्सिल 35%WP 


Dose 1gm/Liter water या 200gm/एकड़ दवा को 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं |तो इस फफूंदीनाशक से भी आलू का पछेती झुलसा रोग Late Blight of Potato in Hindi की रोकथाम हो जाती है |



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3-Captan 70% Hexaconazole 5% WP 

Dose-2-3gm/लीटर पानी या 400-500gm/एकड़ के हिसाब 150-200 लीटर  पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं तो यह आलू का पछेती झुलसा रोग Late Blight of Potato in Hindi कन्ट्रोल हो जायेगा |

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4-साइमोक्सनिल 8%+मेंकोजेब 64% WP (Cymoxnil 8%+Mancozeb 64% WP)


Dose - 400-500gm प्रति एकड़ के हिसाब से आप अपनी आलू की फसल पर स्प्रे 150-200 लीटर पानी में मिलाकर करें सकते हैं | इस फफूंदीनाशक दवा से आलू में अगेती और पिछेती दोनों झुलसा रोग कन्ट्रोल होते हैं |


 पछेती झुलसा रोग की अधिक जानकारी हेतु यह  वीडियो देखें  





                  यह भी पढ़ें:-आलू में जड़ गलन रोग.  




 FAQ 


 1.Q.- आलू का झुलसा रोग क्या हैं ? 

Ans.- आलू का झुलसा रोग एक आल्टरनेरिया सोलेनाई और फाइटोफ्थोरा इन्फेसटेन्स नामक दो कवकों के कारण आता है जोकि आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है | 


यह रोग में आलू के पौधों की निचली पत्तियों पर पहले छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं और बाद में रोग बढ़ने पर धब्बों व पौधों की पत्तियों के रंग में भी वृद्धि दिखाई देती हैं |


आलू की फसल में दो तरह के झुलसा लगता हैं -

  1. अगेती झुलसा रोग (Early Blight) 
  2. पछेती झुलसा रोग (Late Blight)


अगेती झुलसा रोग आलू बुवाई के 3 से 4 सप्ताह बाद दिखाई देने लगता है और यह दिसंबर महीने के मध्य तक दिखाई देता है और Late Blight of Potato दिसंबर के अंत से जनवरी अन्य तक दिखाई देता है |


 2.Q.-आलू में कौन-कौन सी बीमारी लगती हैं ?  


Ans.-आलू की फसल को झुलसा रोग बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है। और आलू में दो तरह के झुलसा रोग आते हैं-1.अगेती झुलसा रोग 2.पछेती झुलसा रोग  

इन दो रोगों के अलावा आलू में जड़ गलन रोग, तना गलन रोग और  ब्लेक स्कार्ब नामक रोग लगते हैं | आलू में अगेती झुलसा रोग दिसंबर महीने के शुरुआत में लगता हैं और Late Blight of Potato दिसंबर महीने के अन्त से जनवरी के शुरुआत से देखा जाता है और यह रोग आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है |


 3.Q.-झुलसा रोग किसकी कमी से होता है ?  

Ans.-आलू में झुलसा रोग आल्टरनेरिया सोलेनाई और फाइटोफ्थोरा इन्फेसटेन्स नामक कवक की बजह से होता है और इन दोनों कवकों को कन्ट्रोल करने के लिए मैटालेक्सिल 35%WS दवा को -200gm प्रति एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें |

और दूसरी दवा है मैटालेक्सिल 8% +मैंकोजेब 64% WP को 500-600gm प्रति एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं |

 4.Q.आलू में झुलसा रोग की दवा क्या हैं ? 


Ans. आलू में झुलसा रोग को कन्ट्रोल करने के लिए मैटालेक्सिल 35%WS दवा को -200gm प्रति एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं | या दूसरी दवा है मैटालेक्सिल 8% +मैंकोजेब 64% WP को 500-600gm प्रति एकड़ के हिसाब से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं |


 5.Q.झुलसा रोग के लक्षण क्या हैं ? 


Ans.यह रोग में आलू के पौधों की निचली पत्तियों पर पहले छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं और बाद में रोग बढ़ने पर धब्बों व पौधों की पत्तियों के रंग में भी वृद्धि दिखाई देती हैं | आलू की फसल में दो तरह के झुलसा लगता हैं -

  1. अगेती झुलसा रोग (Early Blight) 
  2. पछेती झुलसा रोग (Late Blight)

अगेती झुलसा रोग आलू बुवाई के 3 से 4 सप्ताह बाद दिखाई देने लगता है और यह दिसंबर महीने के मध्य तक दिखाई देता है और Late Blight of Potato दिसंबर के अंत से जनवरी अन्य तक दिखाई देता है |


  निष्कर्ष (Conclusion) 


किसान भाइयों आलू का पछेती झुलसा रोग आलू का बहुत ही नुकसान दायक रोग हैं इस रोग का उपचार हमें हमेशा प्रारंभ में ही जब हमारे आलू के खेत में 1-2 परसेंट रोग दिखाई दे उसके तुरंत बाद दवा का स्प्रे करना चाहिए | 

तो किसान मित्रों अगर यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो लाईक,शेयर कमेंट अवश्य करें और मेरे ब्लॉग को फॉलो अवश्य करें |


 अन्य पढ़ें:- 


1-Early Blight of Potato in Hindi-आलू का अगेती झुलसा रोग 
2-Aloo Mota Karne Ki Dawa in Hindi-आलू मोटा करने की दवा




3 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. आलू की फसल को पाले से बचाने के लिए सबसे पहले समय समय पर सिंचाई अति आवश्यक हैं और समय समय पर फफूंदीनाशक रसायनों का स्प्रे करते रहे जैसे - टाटा ताकत, साफ या हारूं आदि

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